Hii  आज मैं  लेकर आया हूँ। Class 10th    के विद्यार्थियों के लिए जीव विज्ञान का बहुत ही अच्छा नोट्स  हिन्दी माध्यम  में ।आज के   इस          नोट्स मैं बताउंगा  जैैव प्रक्रम के अंतर्गत    श्वसन  के बारे में।जो बहुत ही सरल भाषा में तैयार किया गया है।
   ★ श्वसन (Reputation) :- वृहत्  रूप से में श्वसन उन सभी प्रक्रियाओंं का सम्मिलित रूप है   जिनके  द्वारा शरीर में ऊर्जा का उत्पादन होता है,    श्वसन कहलाता हैं।
● श्वसन ऑक्सीजन और ग्लुकोज का आक्सीकरण होता है, जिसके परिणाम स्वरूप ऊर्जा की प्राप्ती एवं कार्बन डाइऑक्साइड शरीर से बाहर निकल हैं।

1.वायवीय श्वसन (Aerobic reservation) :- जब श्ववसन  की क्रिया ऑक्सीजन के उपस्थिति में होती है,तो उसेे   वायवीय श्वसन  कहते  हैं।
●इस क्रिया में ग्लुकोज का पूर्ण विखंडन माइटोकॉन्ड्रिया में होता हैं
2. अवायवीय श्वसन (Anaerobic reservation) :- जब श्वसन की क्रिया ऑक्सीजन के अनुपस्थिति में होता है,तो उसे अवायवीय श्वसन कहते हैं।
●इस क्रिया ग्लूकोज काआंशिक विखंडन कोशिकाद्रव्य में होता हैं।
◆ वायवीय श्वसन में अवायवीय श्वसन की तुलना में अधिक ऊर्जा मुक्त होती हैं।
◆पौधों में श्वसन गैसों का आदान-प्रदान रंध्रों एवं वातरंध्रों से विसरण क्रिया द्वारा होता हैं।
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 ● निम्न श्रेणी के एककोशिकीय जंतुओं जैसे अमीबा, पैरामीशियम में श्वसन गैसों का आदान-प्रदान कोशिका क्षिल्ली से विसरण द्वारा होता हैं।
● उच्च श्रेणी के बहुकोशिकीय जंतुओं में सामान्यतः तीन प्रकार के श्वसन अंग होते हैं।
(i) श्वासनली(Trachea):- स्थलिए किटों जैसे ग्रासहॉपर ,तिलचट्टा आदि में   श्वसन   श्वासनली या  ट्रैैकिया   द्वारा होता हैं।
● ट्रैकिया द्वारा श्वसन गैसें का आदान-प्रदान रक्त या रुधिर के माध्यम से नहीं होता है, क्योंकि किटो के रक्त में हिमोग्लोबिन नामक वर्णक नहीं पाया जाता हैं।
(ii) गिल्स (Gills):-यह विषेश प्रकार के श्वसन अंग है जो जल में घुलित ऑक्सीजन का उपयोग श्वसन के लिए करता हैं।जैसे मछली
(iii) फेफड़ा (Lungs) :- उच्चवर्गीय जंतुओं में श्वसन के लिए फेेफड़ा  पाय जाता है ,जो  वायवीय श्वसन के उपयोग मेें आता हैं।
●फेफड़ा द्वारा श्वसन मेढ़क, सर्प,कछुआ, पक्षी,मनुष्य इत्यादि में होता हैं।
           ■■■■    मनुष्य   में   श्वसन  ■■■■■
★ श्वसन तंत्र (Respiratory System) :- अंगों का वैैसा समूह जो श्वसन की क्रिया मेें सहयक होता है, श्वसन -तंत्र    कहलाता हैं।
● मनुष्य का मुख्य श्वसन अंग फेफड़ा हैं।
◆ मनुष्य के श्वसन तंत्र में निम्न भाग आते हैं :-
 (i) नासिका (Nose) :- यह श्वसन तंत्र का द्वार होता है, जिससे ऑक्सीजन ग्रहण किया जाता हैं।
 (ii)ग्रसनी(Pharynx):-यह नासिका के ठीक पीछे स्थित होतीहैं।
 (iii)स्वरयंत्र (Larynx) :- यह ग्रसनी को श्वासनली से जोड़ता हैं। (iv)श्वासनली(Trachea):-यह लगभग 11Cmलंबी नलीहै जिसका व्यास16mm का होता हैं।जो वक्ष गुहा में प्रवेश करती हैं।
●ट्रैकिया बारी-बारी से श्वसनियों,श्वसनिकाओं तथा फिर कई वायुकोष्ठिका वाहिनियों में बँटा होता हैं।
 (v) फेफड़ा (Lungs):-मनुष्य के वक्ष गुहा मेें एक जोड़ेे फेेेफड़े होते हैं, जो  स्पंजी ,गुलाबी, थैलीनुमा रचना हैं।जो ह्रदय के इधर -उधर प्लूरल गुुुहाओं में स्थित होता हैं।
★ श्वसन क्रिया :-  श्वसन दो    क्रियाओ का सम्मिलित  रूप है।
(i) अन्तःश्वसन या प्रश्वास (Inspiration):- जब ऑक्सीजन फेफड़ेे में    पहुंची है, तो इस क्रिया को अन्तः श्वसन कहते हैं।
ii)निःश्वासन या उच्छ्वास (Expiration):- जब   कार्बनडाइऑक्साइड फेफड़े से बाहर निकलती है तो इस   क्रिया को निःश्वसन कहते हैं।
● श्वसन के दोनों क्रियाओं के सम्मिलित रूप को श्वासोच्छवास  (Breathing) कहलाता है।
             इस पोस्ट में हम सब सिखे श्वसन क्रियाओं के बारे में ।तो मैं आश करता हूँ कि इस प्रकार के नोट्स आपको कहीं नहीं मिला होगा।जो Class 10th  के परीक्षाओं के अलावा सभी परीक्षा में पुछा जाता हो।clik to downld pdf