10वीं-12वीं के बाद
क्या करें
स्टूडेंट्स और
उनके पैरंट्स की जिंदगी में 10वीं और 12वीं दो अहम पड़ाव होते हैं। इन दो पड़ावों के पार कैरियर को लेकर तमाम तरह के भ्रम और सवाल उनके दिमाग
में होते हैं।
बोर्ड परीक्षाओं का दौर खत्म हो गया है और इसी के साथ कैरियर को सही दिशा देने का
वक्त भी शुरू हो चुका है। स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स की जिंदगी में 10वीं और 12वीं दो अहम
पड़ाव होते हैं। इन दो पड़ावों के पार कैरियर को लेकर तमाम तरह के भ्रम और सवाल
उनके दिमाग में होते हैं। इन्हीं के जवाब एक्सपर्ट्स से बात कर दे रहे हैं |
केस:- 1 नारायण को 12वीं में 98 फीसदी अंक आए
थे। बचपन से ही वह पढ़ने में तेज थे। पापा आईएएस ऑफिसर हैं। इसलिए पैसे की भी कोई
समस्या नहीं। पैरंट्स का कोई दबाव नहीं था कि क्या बनना है, लेकिन यह चाहत जरूर थी कि बेटा इंजिनियर या फिर विदेश में
किसी बड़े कॉलेज से अच्छी डिग्री ले। 12वीं में शानदार परफॉर्मेंस के बाद नारायण का ऐडमिशन भी दुनिया के टॉप स्कूलों
में से एक 'ब्रिटिश कोलंबिया' के साइंस विंग में हो गया, लेकिन नारायण
को मजा नहीं आ रहा था। पापा से बात करने पर यह निर्णय लिया गया कि एक अच्छे करियर
काउंसलर से मिला जाए। अपॉइंटमेंट मिलने के बाद काउंसलिंग हुई तो नतीजा कुछ और
निकला। दरअसल,
नारायण को फुटबॉल खेलने में मजा आता था। 10वीं तक उसने स्कूल की तरफ से स्टेट लेवल का मैच खेला था, लेकिन 11वीं से
पैरंट्स,
टीचर्स और खुद नारायण को लगा कि पढ़ाई में भी परफॉर्मेंस
बेहतर है तो पढ़ाई-लिखाई ही की जाए। ऐसे में फुटबॉल में आगे बढ़ने की सोच को
रिवर्स किक लग गई। काउंसलर ने जब नारायण के इस पसंद के बारे में पैरंट्स को बताया
तो वह चौंक गए,
लेकिन फौरन मान भी गए। नारायण को बेहतर ट्रेनिंग के लिए
फुटबॉल के एक इलिट क्लब में ऐडमिशन कराया गया। अभी नारायण वालेंसिया (स्पेन) की
तरफ से मैच खेलते हैं। कमाई अभी बहुत ज्यादा नहीं, फिर भी साल के 3 से 4 करोड़ रुपये
तो हैं ही।
केस:- 2 दिसंबर 2018 में श्रेयस को उसके पैरंट्स एक करियर काउंसलर के पास ले
गए। वजह यह थी कि डांस में रुचि रखने वाले श्रेयस को साइंस और मैथ्स में दिलचस्पी
बिलकुल नहीं थी,
इसके बावजूद उसके पैरंट्स उससे आईआईटी क्रैक करवाना चाहते
थे। हालत यह थी कि श्रेयस 9वीं और 10वीं में साइंस
और मैथ्स पेपर के फाइनल टेस्ट में 40 फीसदी से भी कम अंक पाए थे। इतने कम अंक आने के बाद आगे साइंस रखने के बारे
में सोचा भी नहीं जा सकता,
लेकिन पैरंट्स के लिए यह नाक की लड़ाई बन गई थी और इस लड़ाई
में बच्चा पिस रहा था। खैर,
जब वे करियर काउंसलर के पास गए तो उन्होंने साफ कहा कि
बच्चे का आईआईटी क्रैक करना बहुत मुश्किल है। एक तो इसका साइंस और मैथ्स कमजोर है, फिर इन्हें पढ़ने में इसकी दिलचस्पी भी नहीं है। काउंसलर ने
सलाह दी कि श्रेयस को डांसिंग में ही करियर बनाने दें। लेकिन उसके पैरंट्स अड़े
रहे तो काउंसलर ने उन्हें सलाह दी कि बच्चे की काउंसलिंग के साथ आपको भी काउंसलिंग
लेनी चाहिए। काफी समझाने-बुझाने के बाद आखिरकार श्रेयस के पैरंट्स मान गए। अब यह
फाइनल हो चुका है कि 11वीं-12वीं में वह
साइंस या मैथ्स नहीं रखेगा।
वैसे, देखा जाए तो ऐसी गलतियां करने वाले श्रेयस के पैरंट्स अकेले नहीं हैं। ऐसे
पैरंट्स की संख्या बहुत ज्यादा है। बच्चों के लिए करियर के चुनाव के वक्त अक्सर
पैरंट्स ऐसी ही गलतियां करते हैं।
कुछ गलतियां जो करियर के चुनाव के वक्त पैरंट्स और बच्चे
अक्सर करते हैं:
गलती
नं. 1 10वीं
में साइंस में 90 फीसदी से ज्यादा नंबर मिले हैं तो आगे साइंस ही
पढ़नी चाहिए।
सही क्या: ऐसा बिलकुल भी नहीं
है। किसी विषय में शानदार अंक पाना और उस विषय में करियर बनाना, दोनों अलग-अलग बातें हैं। करियर बनाने का सीधा-सा मतलब है
कि स्टूडेंट को उस खास विषय में 12वीं, ग्रैजुएशन या पोस्ट ग्रैजुएशन भी करना है। चूंकि 12वीं से सिलेबस अचानक बहुत बड़ा
हो जाता है। इसलिए 10वीं में नंबर लाना और इसके बाद भी अच्छा परफॉर्मेंस करना
दोनों में काफी अंतर होता है। ऐसा देखा गया है कि 100 में 20 से 30 बच्चे जिनके 10वीं में 90 फीसदी से भी ज्यादा
अंक आए थे,
12वीं में वे 50 से 60 फीसदी के लिए भी तरसते हैं।
गलती
नं. 2 मेरे दोस्त यही पढ़ रहे हैं इसलिए मैं भी यही पढूंगा।
सही क्या: अगर
100 बच्चों की बात करें तो इस तरह की गलती करने वाले कम से कम 15 से 20 बच्चे जरूर
मिलेंगे। दोस्तों को देखकर या दोस्ती न टूटे इसलिए या फिर अगर कोई बच्चा तेज है तो
उससे नोट्स या दूसरी मदद मिलती रहेगी, इन चक्करों में बच्चे गलत चुनाव कर लेते हैं। अब स्थिति ऐसी बनती है कि बच्चे
की दिलचस्पी है ह्यूमेनिटीज में, लेकिन दोस्त
की वजह से वह चुन लेता है साइंस या कॉमर्स। अब पढ़ाई में मन लगेगा कहां से! ऐसे
में हायर स्टडीज में जाते ही सब्जेक्ट बदलने की नौबत बन जाती है। ऐसे में जिस
बच्चे के 10वीं बोर्ड में 80 फीसदी अंक आए थे,
वह 12वीं में 60 फीसदी के लिए
तरसता है। तो बेहतर रहेगा कि जिसमें दिल लगे उसे ही चुनें।
गलती
नं. 3 मेरा बच्चा, मेरा सपना
यह गलती काफी पैरंट्स करते हैं। वे अपनी सोच, चाहत और नाकामियों की पूर्ति बच्चों से करवाना चाहते हैं।
इस तरह की सोच बिलकुल गलत है। हर बच्चे की अपनी काबिलियत और चाहत होती है। हर कोई
डॉक्टर या इंजिनियर नहीं बन सकता। आज तो 3000 से भी ज्यादा करियर ऑप्शंस हैं।
गलती
नं. 4 बच्चों को जो अच्छा लगे,
वही करे
यह अप्रोच सही है, लेकिन सौ फीसदी नहीं। अमूमन 10वीं के बच्चे करियर को लेकर पूरी तरह से मच्योर नहीं होते। कुछ बच्चे तो अपनी
बातों और इच्छाओं को पूरी तरह व्यक्त कर पाते हैं, जबकि कई या तो कर नहीं पाते या चीजों को ठीक तरह से समझ नहीं पाते। ऐसे में
पैरंट्स को चाहिए कि वह बच्चों से बात करें और जरूरत पड़े तो करियर काउंसलर की मदद
लें।
गलती
नं. 5 लोग क्या कहेंगे
ऐसे मामले भी खूब होते हैं। बच्चे और पैरंट्स
सोचते हैं कि साइंस पढ़ना ब्रिलियंट होने की निशानी है। ऐसे में अगर आर्ट्स लेंगे
तो लोग क्या कहेंगे?
समाज में नाक तो नहीं कट जाएगी? लेकिन ऐसा सोचते हुए वे यह नहीं सोचते कि जब साइंस या
कॉमर्स में बहुत कम अंक आएंगे तब बेइज्जती ज्यादा होगी। बेशक अगर सब्जेक्ट्स को
पढ़ने का दिल ही नहीं करेगा तो बच्चा मजबूरी में पढ़ेगा और ऐसे में अच्छे अंक कहां
से आएंगे?
गलती
नं. 6 जो जॉब दिलाए वह चुनो
प्लानिंग वर्तमान के आधार पर जरूर हो, लेकिन लक्ष्य भविष्य को देखते हुए करनी चाहिए। यानी कि
भविष्य उस सेक्टर में जॉब की डिमांड कैसी रहेगी। मसलन, आज आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) की डिमांड बढ़ी है। अगले 5 साल या उसके
बाद के बरसों में इस क्षेत्र में जॉब देने वाली कंपनियों की संख्या उसी अनुपात में
बढ़ेंगी जैसा इंडिया के आईटी हब बनने के दौरान हुआ था। इसलिए भविष्य को देखकर ही
निर्णय लेना चाहिए।
गलती
नं. 7 आर्थिक स्थिति कोई मुद्दा नहीं है
अक्सर बच्चे या पैरंट्स दूसरों की देखादेखी
विदेश में पढ़ाई का फैसला लेते हैं। करियर के बारे में सोचते हुए अपनी फैमिली की
आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखना जरूरी है। पढ़ाई में पैसा बेहद अहम रोल अदा
करता है। जब आप स्कूल में पढ़ते हैं तो कई तरह के स्टूडेंट्स से आपकी दोस्ती होती
है। इनमें से किसी की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है तो किसी की उतनी बेहतर नहीं
होती। ऐसे में किसी दूसरे को देखकर अपने करियर की प्लानिंग न करें। अगर घर की
आर्थिक सेहत अच्छी नहीं है तो आप महंगे कोर्स के बारे में सोच नहीं सकते। हां, स्कॉलरशिप या लोन के बल पर इनके बारे में आप सोच सकते हैं, लेकिन सौ फीसदी आश्वस्त नहीं हो सकते कि कर ही लेंगे। विदेश
में पढ़ने की दो वजह होनी चाहिए। पहला यह कि वहीं बसना है, दूसरा यह कि जो कोर्स आप विदेश जाकर करना चाहते हैं वह देश
में उपलब्ध नहीं है।
गलती
नं. 8 मैं तो आईएएस के लिए ही बना हूं।
राकेश अक्सर अपने दोस्तों और रिश्तेदार से
कह देते थे कि मैं तो सिर्फ आईएएस के लिए बना हूं। दरअसल, उसका एक जानने वाला आईएएस अफसर था। पैरंट्स 10वीं की रिजल्ट के बाद उसे एक करियर काउंसलर के पास ले गए। 10वीं में राकेश को 70 फीसदी अंक आए थे। जब काउंसलर ने राकेश से पूछा कि तुम क्यों आईएएस बनना चाहते
हो तो उसने बताया कि आईएएस को मिलने वाली लाल बत्ती से प्रभावित हूं। काउसंलर ने
कहा सिर्फ लाल बत्ती को देखकर आईएएस नहीं बना जा सकता। आईएएस की बहुत जिम्मेदारी
होती है। जब राकेश से पूछा गया कि तुम्हें पता है कि आईएएस बनने के लिए धैर्य, विश्लेष्णात्मक क्षमता की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। क्या
तुम्हारी दिलचस्पी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं में है। साथ ही हर साल
यूपीएससी और स्टेट सिविल एग्जाम्स में 10 लाख से ज्यादा स्टूडेंट बैठते हैं। पूरी तैयारी में 3 से 4 साल या फिर
इससे भी ज्यादा वक्त लग सकता है। यह सब सुनने के बाद राकेश ने पहले 12वीं को फोकस करने का मन बनाया।
बच्चे का रुझान और काबिलियत
जाननी है तो कराएं सायकोमीट्रिक टेस्ट
इस टेस्ट से बच्चे के रुझान और काबिलियत की
जानकारी मिलती है। इसमें ऐप्टिट्यूड टेस्ट और करियर इंटरेस्ट जैसे कई टेस्ट होते
हैं। ऐप्टिट्यूड टेस्ट जहां स्टूडेंट की पूरी पर्सनैलिटी के लिए होता है वहीं
करियर इंटरेस्ट टेस्ट सब्जेक्ट या करियर चुनने में मददगार होता है। ये टेस्ट किसी
काम को करने की स्टूडेंट की काबिलियत के बारे में आइडिया देते हैं। मसलन अगर कोई
बच्चा इंजिनियर बनना चाहता है तो क्या वह इस लायक है? यही नहीं, इंजिनियरिंग
में किस ट्रेड में वह बेहतर परफॉर्म कर सकता है, इसकी भी जानकारी टेस्ट से मिल जाती है। इस टेस्ट के जरिए कोई एक करियर नहीं
बल्कि कई करियर ऑप्शंस की सलाह दी जाती है। इस टेस्ट में 300-400 सवाल होते हैं जिनके जवाब 'हां'
या 'ना'
में देने होते हैं। हालांकि ध्यान रखें कि ये टेस्ट किसी
अच्छे साइकॉलजिस्ट या करियर काउंसलर से ही कराएं। साथ ही, यह जानना भी जरूरी है कि वही टेस्ट भरोसेमंद हैं जिन्हें
इंडियन स्टूडेंट्स के मुताबिक तैयार किया गया हो। आमतौर पर ये टेस्ट महंगे नहीं
होते।
कितना भरोसेमंद है साइकोमीट्रिक
टेस्ट
करियर काउंसलर की मदद लेने पर अमूमन यह टेस्ट
जरूर कराया जाता है। इससे स्टूडेंट की पसंद, IQ और उसकी नॉलेज का पता चल जाता है, लेकिन इससे भी सौ फीसदी संतुष्ट आप नहीं हो सकते। इस टेस्ट के अलावा भी कई
बातें होती हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है। इसमें फैमिली की आर्थिक स्थिति सबसे
खास है। मसलन,
कोई बच्चा विदेश जाकर कोर्स करना चाहता है, लेकिन उसकी फैमिली की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो वह
बच्चा हमेशा ही दबाव में रहेगा। हो सकता है इस दबाव की वजह से उसकी परफॉर्मेंस पर
असर पड़े।
करियर या सब्जेक्ट चुनने से पहले खुद से पूछें इनका जवाब
अगर आप किसी
वजह से अपने बच्चे को करियर काउंसलर या साइकॉलजिस्ट के पास नहीं ले जाना चाहते तो
भी खुद मोटा-मोटा अनुमान लगा सकते हैं। इसके लिए आपको बच्चे से कुछ सवाल पूछने
होंगे...
1. कौन-सा
सब्जेक्ट पढ़ने में मजा आता है?
2. किस सब्जेक्ट
में सबसे ज्यादा नंबर आते हैं?
3. जिंदगी में
क्या बनना चाहता है और क्यों?
4. जिस करियर को
चुनना चाहता है,
उसे 20-25 साल
तक करने को तैयार हो या नहीं?
5. बाहर जाकर काम
करना पसंद है या फिर ऑफिस के अंदर बैठ कर?
6. लोगों से
मिलना पसंद है या फिर ज्यादा-से-ज्यादा किताबी नॉलेज हासिल करना?
7. बिजनेस से
जुड़ी बुक्स पढ़ना अच्छा लगता है या आर्ट्स के बारे में पढ़ना?
8. खूब बातें
करना पसंद है या चुपचाप रहना?
9. ज्यादा मेहनत
वाला काम करना चाहते हैं या कम मेहनत वाला?
10. ट्रैवल
करना पसंद है या एक ही जगह पर रहना?
इन सवालों के
जवाब के बाद इतना तो पता चल ही जाता है कि बच्चे की पसंद क्या है और किसी तरह का
काम करना उसके लिए सही रहेगा
ध्यान
भी और सावधान भी
·
एक गलत फैसला लेने से अच्छा है
फैसला लेने में देरी करना। 10वीं के बाद
आपकी स्ट्रीम क्या होगी इसे लेकर आप तो सोच ही रहे होंगे, आपके
पैरंट्स भी चिंतित होंगे। इसलिए आखिरी फैसले पर पहुंचने से पहले एक बार नहीं,
सौ
बार सोचें। किसी जानकार या करियर काउंसलर की मदद भी लें।
·
करियर काउंसलर के पास जाने का फैसला
भी तभी सही हो सकता है जब वह अच्छा काउंसलर हो। इन दिनों कई ऐसे करियर काउंसलर भी
हैं जो किसी न किसी एजुकेशन इंस्टिट्यूट से कमिशन लेते हैं। आप जब उनसे सलाह लेने
जाते हैं तो वे एक इंस्टिट्यूट के एजेंट के रूप में आपको सलाह देने लगते हैं,
न
कि काउंसलर के रूप में।
"सही करियर, सही दिशा सफलता की गारंटी!"
·
कम से कम 5
साल का अनुभव हो।
·
हर तरह की जानकारी हो।
·
मॉर्डन और ऑफबीट करियर के बारे में
भी पूरी जानकारी हो।
·
बच्चों की साइकॉलजी पढ़ने की क्षमता
हो,
ताकि
बच्चों से कनेक्ट कर सके।
·
किसी खास इंस्टिट्यूट में जाने पर
जोर नहीं देता हो।
·
रिव्यू अच्छा हो।
पैरंट्स दें इन 3 खास बातों पर ध्यान
1. बच्चा क्या चाहता है?
इस बात को
सबसे ज्यादा अहमियत दें। सच तो यह है कि आज के बच्चों को इंटरनेट, टीचर्स और दोस्तों के माध्यम से करियर के बारे में कई ऐसी
बातें पता होती हैं जिन्हें उनके पैरंट्स भी नहीं जानते।
2. टीचर की क्या है राय?
अमूमन एक
बच्चा 2
से 4 साल तक किसी कोचिंग या स्कूल में पढ़ता है। ऐसे में वहां
के टीचर्स को उस बच्चे के बारे में काफी कुछ पता होता है। बच्चे की कमियां, मजबूती, पसंद और
नापसंद के बारे में वे खूब जानते हैं। ऐसे में टीचर्स की राय बहुत अहम होती है।
3. 10वीं के मार्क्स ही सब कुछ नहीं
अगर 10वीं के अंकों को आधार बनाकर ही सब्जेक्ट का चुनाव करना
चाहते हैं तो यह देखना जरूरी होगा कि इन सब्जेक्ट्स में क्या पहले (क्लास 7, 8, 9 में) अच्छे अंक आए हैं। अगर नहीं आए हैं तो सिर्फ 10वीं के अंकों को आधार बनाकर सब्जेक्ट का चुनाव करना सही
नहीं है।
कुछ काम के सवाल और
उनके जवाब
1. मेरी इच्छा है कि मैं ऐडवोकेट बनूं जबकि मेरी दिलचस्पी
फिजिक्स और मैथ्स में है? मुझे मेरे सीनियर ने कहा है कि मैं आर्ट्स से
पढ़ाई करूं। मैं क्या करूं?
10वीं के बाद 11वीं से अपने देश में लॉ की पढ़ाई नहीं होती है। आपको इसके
लिए कम से कम 12वीं करनी होगी इसके बाद ही आप लॉ कर सकते हैं। वहीं आपने
कहा है कि आपकी दिलचस्पी फिजिक्स में है लेकिन आप ऐडवोकेट बनना चाहते हैं। ऐसे में
आपके लिए यह बेहतर है कि आप सायेंस का चुनाव ही आगे की पढ़ाई के लिए करें। दरअसल, सायेंस में दिलचस्पी से यह तो पता चल जाता है कि आपकी
विश्लेषणात्मक क्षमता अच्छी है। ऐसे में लॉ में करियर बनाने के लिए यह आपके लिए
फायदेमंद हो सकता है। ऐसा नहीं है कि आप आर्ट्स से पढ़ाई कर ऐडवोकेट नहीं बन सकते।
पर सही विकल्प सायेंस ही है।
2. 10वीं में साइंस में 91 फीसदी अंक हैं। क्या मुझे आगे साइंस ही लेना चाहिए। मेरे
पैरंट्स मुझे IIT की तैयारी करने के लिए कह रहे हैं। हालांकि मेरी
दिलचस्पी अकाउंट्स में है?
किसी भी एग्जाम में 91 फीसदी अंक एक अच्छा प्रतिशत माना जा सकता है। वहीं 10वीं के लिए तो यह एक बेहतर प्रतिशत है ही। पर केवल इसी आधार
पर आगे की पढ़ाई में साइंस सब्जेक्ट का चयन करना सही विकल्प नहीं है जबकि आपकी
दिलचस्पी अकाउंट्स में है। दरअसल, अगर 10वीं और 11वीं के सिलेबस
को ध्यान से देखेंगे तो दोनों में काफी फर्क है और दोनों का स्तर भी काफी अलग है। 10वीं का सिलेबस जहां आसान है, वहीं 11वीं का सिलेबस काफी बड़ा है। दूसरी बात यह है कि आपकी
दिलचस्पी भी अकाउंट्स में ही है। ऐसे में आपको अपनी दिलचस्पी को ही तरजीह देनी
चाहिए।
3. मेरा नाम स्वप्निल है। मेरे टीचर कहते हैं कि मुझे
इंजिनियरिंग की तैयारी नहीं करनी चाहिए क्योंकि मुझमें IIT
क्रैक करने वाला स्पार्क नहीं है। मेरे मैथ्स में
8वीं और 9वीं में अच्छे ग्रेड नहीं रहे हैं,
पर मुझे मैथ्स और पेंटिंग्स पसंद है। मैं क्या
करूं?
आपने बताया है कि आपको अच्छा ग्रेड नहीं
मिला है। लेकिन आपको मैथ्स पसंद है। वहीं आपके टीचर ने भी आपको कहा है कि आपके लिए
आईआईटी क्रैक करना मुश्किल होगा तो इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
दरअसल,
कई बार ऐसा होता है कि आप अपनी पसंद को समझ नहीं पाते हैं।
ऐसे में आप किसी अच्छे जानकार या बेहतर करियर काउंसलर की मदद ले सकते हैं। यह सच
है कि आईआईटी क्रैक करने के लिए शानदार तैयारी और क्षमता होनी ही चाहिए। हां, दूसरे इंजिनियरिंग एग्जाम्स को क्वालिफाई करना आईआईटी की
तुलना में आसान है। वैसे दिल्ली-एनसीआर में कई ऐसे प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज चल
रहे हैं जहां से कोर्स करने के बाद भी आपको बेहतर जॉब मिलना मुश्किल होता है। ऐसे
में आपके लिए पेंटिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ना भी बेहतर हो सकता है। आपका मैथ्स, फिजिक्स और कैमिस्ट्री कितना मजबूत है यह आप दूसरे टीचर या
अपने सीनियर्स से भी पूछ सकते हैं। उनसे राय ले सकते हैं। हालांकि एक तरीका यह भी
है कि कहीं डिप्लोमा से इंजिनियरिंग की शुरुआत की जाए और अगर उसमें मन रम गया तो डिप्लोमा
के बाद सीधा बीटेक सेकंड ईयर में एडमिशन हों।
10th के बाद क्या करें ?
10th के बाद Course कौन-कौन से होते है, तो आज आप हमारी इस पोस्ट में जान जायेंगे।
हमारे देश भारत में लगभग सभी राज्यों में 10वीं कक्षा तक एक समान विषय ही पढ़ाए जाते है और जैसे ही हम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (पास) कर लेते है, उसके बाद हमे सभी विषयों में से किसी एक विषय को चुनना होता है, जो हमारे करियर के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। 10th पास करने के बाद आमतौर पर 4 सब्जेक्ट (विषय) होते है,
जिनमे से किसी एक का चयन करना होता है।
- पहला सब्जेक्ट होता है Science (साइंस)
- दूसरा सब्जेक्ट होता है Commerce (कॉमर्स)
- तीसरा सब्जेक्ट होता है Arts (आर्ट्स)
हम जिस विषय का चयन करते है उनका अध्ययन हमे कक्षा 11वीं और कक्षा 12वीं तक करना होता है और इन्ही विषयों के आधार पर हम कक्षा 12वीं पास करने के बाद अपनी कॉलेज की पढाई करते है। चलिए थोड़ा विस्तार से जानते है कि दसवीं के बाद कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए या किस विषय में दसवीं के बाद करियर विकल्प अच्छा होता है।
10th के बाद Science (विज्ञान)
साइंस एक ऐसा विषय (स्ट्रीम) है जो लगभग सभी स्टूडेंट की पहली पसंद (फ़र्स्ट प्रेफर) होती है, अगर आप आगे चलकर डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते है तो आपको साइंस फ़ील्ड चुननी पड़ेगी। साइंस में सिलेबस थोडा ज्यादा मुश्किल होता है, साइंस का पूरा सिलेबस English एवं हिन्दी में होता है। Science
में 3 तरह के ग्रुप होते है, जो आपको निचे बताये गए है:
- Physics, Chemistry,
Math (PCM)
- Physics, Chemistry,
Biology (PCB)
- General Group (PCMB):
Physics, Chemistry, Math,Biology
10th
के बाद अगर आपको मेडिकल फ़ील्ड जैसे – MBBS, BAMS, BHMS, B. Pharmacy,
D. Pharmacy आदि में जाना है,
तो साइंस फ़ील्ड में हमे Physics, Chemistry, Biology (PCB) ग्रुप लेना पड़ेगा और अगर आपको 10th Ke Baad Engineering करनी है तो Physics, Chemistry, Math (PCM) ग्रुप सिलेक्ट करना होगा, (PCM) ग्रुप वाले इंजीनियरिंग के अलावा और भी कई क्षेत्रो में जा सकते है और हाँ आपको बता दे की General Group (PCMB) वाले स्टूडेंट दोनों फ़ील्ड Medical
Field और Engineering Field में जा सकते है।
साइंस स्ट्रीम में आपके सब्जेक्ट फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी,
मैथ,
इंग्लिश होते है बाकि एडिशनल सब्जेक्ट भी आप ले सकते हो कुल मिलकर छः सब्जेक्ट होते है
1. Physics (भौतकी):
-इस
सब्जेक्ट में आपको गति, उर्जा,
घर्षण
आदि जैसे टॉपिक्स को समझने के लिए मिलेगा. यह साइंस के बाकि दुसरे विषय से ज्यादा कठिन
माना जाता है.
2. Chemistry (रसायन विज्ञान ):-
इसमें
आपको रसायन के बारे में जानने को मिलेगा जैसे की पानी, केमिकल,
तरल
पदार्थ,
ठोस
पदार्थ,
द्रव्य
पदार्थ से जुड़ी जानकरी दी जाती है.
3. Biology (जीव विज्ञान ):- इस
सब्जेक्ट में आपको जीव जंतु, मानव शरीर,
पशु
शरीर,
पेड़
पौधे से जुड़े सभी जानकारी दी जाती है. अगर आप भी जीव विज्ञानं में रूचि रखते है यह
सब्जेक्ट आपके लिए है.
4. Mathematics (गणित ):-
इस
सब्जेक्ट में आपको गणित सिखाया जाता है. यह गणित आप जो 10th तक
पढ़ते आ रहे होते हो उससे काफी अलग है लेकिन इन्हें समझने के लिए आपको 10th
तक
के गणित की जानकारी होनी चाहिए.
5. Computer Science (कंप्यूटर विज्ञान ):-
अगर
कोई कंप्यूटर में अपनी रूचि रखता है तो उसको यह सब्जेक्ट जरुर पसंद आएगा. इस सब्जेक्ट
में आपको कंप्यूटर की जानकारी, प्रोग्रामिंग
भाषा,
सॉफ्टवेर,
इन्टरनेट
आदि के बारे में सिखाया जाता है.
6. English (अंग्रेजी ):- यह
सब्जेक्ट आपको हर स्ट्रीम में देखने को मिल जायेगा. इंग्लिश में आपको ग्रामर,
टेंस,
एक्टिव
पैसिव,
उपन्यास
आदि पढ़ने होते है.
10th के बाद Commerce (वाणिज्य)
कॉमर्स एक ऐसा विषय है जो 10th क्लास के बाद सबसे ज्यादा लिया जाता है,
कॉमर्स वाला विद्यार्थी Business, Finance, Accounts आदि में जा सकता है।जिन स्टूडेंट को एकाउंटिंग और फाइनेंस क्षेत्र में रूचि है उनके लिए कॉमर्स फ़ील्ड सबसे अच्छी है और अगर आप CA
बनना चाहते है तो आपके लिए कॉमर्स फ़ील्ड बेस्ट है।
अगर आप सोंच रहे है की कॉमर्स में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं तो कॉमर्स फ़ील्ड में आगे चलकर हम B.Com, M.Com, BBA, MBA जैसी प्रोफेशनल कोर्स के साथ ग्रेजुएशन भी पूरा कर सकते है,
बैंकिग की एग्जाम के लिए भी कॉमर्स स्ट्रीम सबसे बेहतर विकल्प है।
1.
Accountant:- इस
सब्जेक्ट में आपको एकाउंटिंग कैसे करते है यह सिखाया जाता है. दुसरे शब्दों में कहें
तो आपको हिसाब किताब की जानकारी, बैंक व किसी
कंपनी में लेखा जोखा कैसे करते है यह बताया जाता है.
2.
Business Studies:- इस
सब्जेक्ट में आपको बिज़नेस कैसे किया जाता है इसकी जानकारी दी जाती है. इस सब्जेक्ट
को पढ़ कर कोई यह जान सकता है की बिज़नेस सही ढंग से कैसे चलाया जाता है और आगे चल कर
एक अच्छा बिजनेसमैन बन सकता है.
3.
Economics:- जिसमें
धन सम्बंधित क्रियाओं का आध्ययन किया जाता है वह इकोनॉमिक्स कहलाता है. इस सब्जेक्ट
में आपको वस्तुओं और सेवाओ का लेन देन, किसी उत्पाद
की खपत आदि जैसे टॉपिक्स के बारे में समझाया जाता है.
4.
Mathematics:- इस
सब्जेक्ट में गणित सिखाया जाता है. अगर आप कॉमर्स में अच्छा पर्दर्शन करना चाहते है
तो गणित पर आपकी पकड़ भी अच्छी होनी चाहिए.
5.
English:- यह तो कोई नया सब्जेक्ट नहीं है आप भी
जानते है इसमें ग्रामर, टेंस,
एक्टिव
पैसिव,
उपन्यास
आदि जैसे टॉपिक्स पढ़ाये जाते है.
10th के बाद Arts (कला)
आर्ट्स स्ट्रीम भी एक अच्छी स्ट्रीम होती है,
अगर आपको कला के क्षेत्र में अपना करियर बनाना है, तो आपके लिए आर्ट्स फ़ील्ड बेहतर विकल्प है। जो विद्यार्थी गवर्नमेंट जॉब (सरकारी नौकरी) के लिए Competitive
Exam (प्रतियोगी परीक्षा) की तैयारी करना चाहते है,
उनके लिए आर्ट्स फ़ील्ड सबसे अच्छी और बेहतर है। आर्ट्स में आम तौर पर इंग्लिश, हिस्ट्री, जियोग्राफी जैसे विषय होते है, आर्ट्स के 12वीं पास करने के बाद भी आप कई कोर्स कर सकते है जैसे- फैशन डिज़ाइनिंग, होटल मैनेजमेंट एंड इवेंट मैनेजमेंट, मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज्म आदि। अगर आपका दिलचस्प मीडिया, जर्नलिज्म, लिटरेचर, सोशियोलॉजी, सोशल सर्विस, ह्यूमन साइकोलॉजी, पॉलिटिक्स, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट में है तो आप आर्ट्स स्ट्रीम से 12th
पास कर सकते हो. बहुत से लोगो की यह धरना होती है की आर्ट्स वो लोग लेते है जिनका पढाई में मन नहीं लगता या फिर जिनके कम मार्क्स होते है जबकि ऐसा कहना उचित नहीं है. आर्ट्स लेकर भी लोग अपना करियर बना सकते है ऐसे लोग वकील, पॉलिटिशियन, प्रोफेसर, टीचर छेत्र में अपना करियर बना सकते है. आर्ट्स में आपके सब्जेक्ट जियोग्राफी, पोलिटिकल साइंस, साइकोलॉजी, सोशियोलॉजी, इंग्लिश, हिंदी, संस्कृत जैसे होते
1. History:- अगर आप इतिहास को समझना चाहते हो की पुराने समय में
क्या होता था,
पुराने
समय के रीति रिवाज, पुराने समय के युद्ध आदि का वर्णन इस
सब्जेक्ट में किया गया है.
2. Geography:- इस सब्जेक्ट में आपको भूगोल के बारे में बताया जाता
है. अगर आप भूमि से सम्बंधित जानकारी चाहते है जैसे की भूकंप,
वातावरण,
सुनामी,
जंगल,
वनस्पति
आदि इस सब्जेक्ट में बताया गया है.
3. Psychology:- अगर कोई इंसानी दिमाग को उसके गतिविधि
के आधार पर समझना चाहता है तो उन्हें यह सब्जेक्ट जरुर पढ़ना चाहिए.
4. Political Science:- अगर आप राजनीति कैसे काम करता है यह
जानना चाहते है तो इस सब्जेक्ट को जरुर पढ़े. इसमें आपको राज्य,
भारत
व विश्व की राजनीती, राजनीतिक गठबंधन,
सरकार
की शक्तियां,
मौलिक
अधिकार आदि जैसे विषय पढ़ाया जाता है.
5. Hindi:- लगभग ज्यादातर आर्ट्स के छात्र हिंदी भाषा अपने सब्जेक्ट
में रखते जरुर है. इस सब्जेक्ट में आपको हिंदी व्याकरण और हिंदी की शुद्धि कैसे करे
यह सिखाया जाता है.
6. English:- अगर कोई इंग्लिश सिखने और समझने में
इच्छुक है तो उन्हें यह सब्जेक्ट जरुर पसंद आएगा. इस सब्जेक्ट में आपको इंग्लिश ग्रामर
के रूल्स और लेखक द्वारा लिखे उपन्यास, कहानी व कविता
पढ़ना होता है.
7. Sanskrit:- यह भाषा सबसे पुरानी मानी जाती है और
ऐसा भी कहा जाता है की सभी भाषा का जन्म संस्कृत से ही हुआ है. अगर आप भी संस्कृत भाषा
सीखना चाहते है तो यह सब्जेक्ट आपको पढ़ना होता है.
8. Philosophy:- इस
सब्जेक्ट में आपको लोगो के सोचने का तरीका, किसी
के तनाव की वजह क्या हो सकता है, कोई व्यक्ति
कैसे खुश रह सकता है आदि बताये जाते है.
9. Sociology:- यह सब्जेक्ट आपको समाज की जानकारी देता है की समाज
कैसे काम करता है, सामाजिक समस्या,
सामाजिक
गतिविधि आदि
10th के बाद Polytechnic
जो स्टूडेंट इंजीनियरिंग करने की चाह रखते है, उनके लिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स है। पॉलिटेक्निक में इंजीनियरिंग जैसी ही फ़ील्ड होती है, हम 10वीं कक्षा पास करने के बाद पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले सकते है,
पॉलिटेक्निक 3 साल का डिप्लोमा है।
पॉलिटेक्निक में हमे अपनी मर्ज़ी की फ़ील्ड चुन सकते है जैसे- Mechanical,
Computer, Electronics आदि पॉलिटेक्निक करने के बाद हमे इंजीनियरिंग में डायरेक्ट 2nd Year (द्वितीय वर्ष) में एडमिशन मिल जाता है। तो अगर आपकी रूचि भी पॉलिटेक्निक कोर्स करने की है तो हमारी यह पोस्ट Polytechnic Kya Hai? Polytechnic
Kaise Kare? आपके लिए बहुत उपयोगी है।
10th के बाद ITI
अगर आप कम समय में पढ़कर जल्दी से नौकरी करना चाहते है तो आईटीआई करके आपको 10th Ke Baad Job मिल जाती है। आईटीआई में अलग-अलग ट्रेड और कोर्स होते है। आईटीआई में 1 साल, 2 साल के कोर्स होते है। आपको जिस विषय में रूचि है वो ट्रेड आप Select
कर सकते है,
आईटीआई करने से सरकारी नौकरी के भी अधिक अवसर होते है। यदि आप ITI में अपना करियर बनाना चाहते है तो हमारी यह पोस्ट ITI
Kya Hai? ITI Kaise Kare? आपके बड़े काम आएगी।
हाँ तो दोस्तों अब आपको समझ आ गया होगा की 10th Ke Baad Kya Kare, सभी कोर्सो की जानकारी लेने के बाद आपको समझ आ गया होगा की 10th
Ke
12वीं के बाद करियर विकल्प: विस्तार से मार्गदर्शन
12वीं के बाद
आपके सामने कई करियर विकल्प होते हैं, जो आपकी रुचि,
क्षमताओं और 12वीं में चुने गए स्ट्रीम (Science, Commerce, Arts) पर निर्भर करते हैं। यहां हम प्रत्येक स्ट्रीम के अनुसार प्रमुख विकल्पों की
जानकारी देंगे।
1. साइंस (Science) स्ट्रीम के बाद करियर विकल्प
A. मेडिकल (PCB - Physics, Chemistry, Biology)
यदि आप डॉक्टर या स्वास्थ्य क्षेत्र से
जुड़ा करियर बनाना चाहते हैं, तो ये प्रमुख
विकल्प हैं:
·
MBBS (Bachelor of Medicine and
Bachelor of Surgery) – डॉक्टर बनने के लिए
·
BDS (Bachelor of Dental Surgery) –
डेंटिस्ट
बनने के लिए
·
BAMS (Bachelor of Ayurvedic
Medicine & Surgery) – आयुर्वेदिक डॉक्टर
·
BHMS (Bachelor of Homeopathic
Medicine & Surgery) – होम्योपैथिक डॉक्टर
·
B.V.Sc (Bachelor of Veterinary
Science) – पशु
चिकित्सक
·
BPT (Bachelor of Physiotherapy) – फिजियोथेरेपिस्ट
·
B. Pharma (Bachelor of Pharmacy) –
फार्मासिस्ट
·
B.Sc Nursing – नर्सिंग
(प्रवेश
परीक्षा) –
NEET (National Eligibility cum Entrance Test) मुख्य एंट्रेंस एग्जाम है।
B. इंजीनियरिंग (PCM - Physics,
Chemistry, Mathematics)
यदि आप टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में रुचि रखते
हैं,
तो ये प्रमुख विकल्प हैं:
·
B.Tech/B.E (Bachelor of
Technology/Bachelor of Engineering) – इंजीनियरिंग की डिग्री
·
कंप्यूटर साइंस,
मैकेनिकल,
इलेक्ट्रिकल,
सिविल,
इलेक्ट्रॉनिक्स,
AI & ML, रोबोटिक्स
आदि
·
B.Arch (Bachelor of Architecture)
– आर्किटेक्ट
बनने के लिए
·
BCA (Bachelor of Computer
Applications) – IT और सॉफ्टवेयर फील्ड के लिए
·
Merchant Navy (B.Sc Nautical
Science, Marine Engineering)
(प्रवेश
परीक्षा) –
JEE Main, JEE Advanced, BITSAT, VITEEE, MHT CET आदि।
C. पायलट और डिफेंस सर्विसेज
·
Commercial Pilot Training – पायलट
बनने के लिए
·
NDA (National Defence Academy) – आर्मी,
नेवी,
एयरफोर्स
में अधिकारी बनने के लिए
·
Indian Navy, Indian Airforce
Technical Entry
(प्रवेश
परीक्षा) –
NDA Exam, AFCAT, CDS आदि।
D. रिसर्च और साइंस से जुड़े अन्य कोर्स
·
B.Sc (Bachelor of Science) – फिजिक्स,
केमिस्ट्री,
मैथ्स,
बायोलॉजी,
एग्रीकल्चर
आदि
·
B.Stat (Bachelor of Statistics) – स्टैटिस्टिक्स
और डाटा साइंस में करियर
·
Integrated M.Sc (5-year program in
IITs, IISc, IISERs, NISER)
(प्रवेश
परीक्षा) –
IISER Aptitude Test, NEST, ISI Entrance आदि।
2. कॉमर्स (Commerce) स्ट्रीम के बाद करियर विकल्प
·
B.Com (Bachelor of Commerce) – सामान्य
अकाउंटिंग और फाइनेंस की पढ़ाई
·
BBA (Bachelor of Business
Administration) – मैनेजमेंट और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
·
CA (Chartered Accountancy) – चार्टर्ड
अकाउंटेंट बनने के लिए
·
CS (Company Secretary) – कंपनी
सेक्रेटरी बनने के लिए
·
CFA (Chartered Financial Analyst)
– फाइनेंशियल
एनालिस्ट बनने के लिए
·
BMS (Bachelor of Management
Studies) – बिजनेस
और मैनेजमेंट
·
Hotel Management – होटल
इंडस्ट्री में करियर
·
LLB (Law - Bachelor of Laws) – वकील
बनने के लिए
·
Actuarial Science – इंश्योरेंस
और फाइनेंस सेक्टर
(प्रवेश
परीक्षा) –
CA Foundation, CLAT (Law), IPMAT (IIM-Indore), DU JAT, NPAT आदि।
3. आर्ट्स (Arts/Humanities) स्ट्रीम के बाद करियर विकल्प
·
BA (Bachelor of Arts) – सामान्य
आर्ट्स डिग्री (हिस्ट्री, पॉलिटिकल
साइंस,
जियोग्राफी,
साइकोलॉजी
आदि)
·
BJMC (Bachelor of Journalism &
Mass Communication) – पत्रकारिता और मीडिया
·
BFA (Bachelor of Fine Arts) – कला
और डिजाइनिंग में करियर
·
Hotel Management & Tourism – होटल
और टूरिज्म इंडस्ट्री
·
B.Ed (Bachelor of Education) – टीचर
बनने के लिए
·
LLB (Law) – कानून की
पढ़ाई
·
Foreign Language Courses – जर्मन,
फ्रेंच,
जापानी
आदि भाषा में करियर
·
Fashion Designing (NIFT, Pearl
Academy)
(प्रवेश
परीक्षा) –
CLAT (Law), NIFT (Fashion), DUET, CUET, NCHMCT (Hotel Management) आदि।
4. सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी
12वीं के बाद कई
सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं दी जा सकती हैं:
·
SSC CHSL (Staff Selection
Commission – Combined Higher Secondary Level)
·
Railway (RRB NTPC, RRB Group D)
·
Indian Army, Navy, Airforce (GD,
Clerk, Technical Entry)
·
Police और Constable
Bharti
·
State-Level Government Exams
5. डिप्लोमा और वोकेशनल कोर्सेज
अगर आप जल्दी जॉब पाना चाहते हैं, तो ये डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं:
·
Diploma in Engineering
(Polytechnic)
·
Diploma in Graphic Designing,
Animation, VFX
·
Diploma in Digital Marketing
·
Diploma in Photography,
Videography
·
Diploma in Web Development, App
Development
·
Diploma in Event Management
6. खुद का बिजनेस या स्टार्टअप
यदि आप खुद का काम करना चाहते हैं, तो ये विकल्प हो सकते हैं:
·
Freelancing (Web Design, Content
Writing, Digital Marketing)
·
Startup (E-commerce, Dropshipping,
Blogging, YouTube)
·
Agriculture Business, Organic
Farming
·
Handmade Crafts, Food Business
निष्कर्ष
आपके करियर का
चुनाव आपकी रुचि,
योग्यता और लक्ष्य पर निर्भर करता है। अगर आप किसी विशेष
क्षेत्र में रुचि रखते हैं,
तो उसी के अनुसार सही कोर्स चुनें। किसी भी निर्णय से पहले
करियर काउंसलिंग लें और अपने माता-पिता या शिक्षकों से सलाह करें।
"अपने जुनून को पहचानें और सही राह चुनें!"

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