पेरियार ललई सिंह यादव : राजनीतिक एवं जीवन परिचय

परिचय
पेरियार ललई सिंह यादव भारतीय समाज सुधारक, चिंतक, लेखक एवं राजनेता थे। उन्होंने सामाजिक समानता,


जाति उन्मूलन और शोषित वर्गों की मुक्ति के लिए आजीवन संघर्ष किया। पेरियार ई.वी. रामासामी से प्रेरित होकर उन्होंने उत्तर भारत में समाजिक क्रांति की अलख जगाई।


प्रारंभिक जीवन

  • जन्म : 1 सितम्बर 1911, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)

  • परिवार : साधारण किसान परिवार

  • शिक्षा : प्रारंभिक शिक्षा गांव से, आगे चलकर सामाजिक कुरीतियों और जातिवाद से प्रभावित होकर समाज सुधार की ओर अग्रसर।


सामाजिक कार्य

  • पेरियार ललई सिंह यादव ने जाति व्यवस्था, अंधविश्वास, पाखंड और शोषण के खिलाफ आवाज उठाई।

  • उन्होंने शिक्षा और जागरूकता को समाज परिवर्तन का मुख्य साधन माना।

  • "समानता" और "स्वाभिमान" उनके जीवन दर्शन का आधार रहा।

  • उन्होंने समाज में बहुजन आंदोलन को मजबूत करने के लिए कई संगठन और आंदोलन चलाए।


राजनीतिक जीवन

  • वे सक्रिय रूप से समाजवादी आंदोलन से जुड़े और राजनीति में वंचित वर्ग की आवाज बने।

  • पेरियारवादी विचारधारा को उत्तर भारत में फैलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • उन्होंने विधानसभा चुनावों में भाग लिया और समाज के शोषित वर्गों को संगठित करने का कार्य किया।


लेखन कार्य

  • ललई सिंह यादव ने कई लेख, पुस्तिकाएँ और निबंध लिखे जिनमें उन्होंने जाति उन्मूलन, सामाजिक समानता और पेरियार के विचारों का प्रचार-प्रसार किया।

  • उन्होंने डॉ. आंबेडकर और पेरियार के विचारों को आगे बढ़ाया।


उपाधि "पेरियार"

ललई सिंह यादव को "पेरियार" की उपाधि इसलिए दी गई क्योंकि उन्होंने दक्षिण भारत के समाज सुधारक ई.वी. रामासामी पेरियार की तरह ही उत्तर भारत में सामाजिक क्रांति का कार्य किया।


निष्कर्ष

पेरियार ललई सिंह यादव का जीवन समाज सुधार, समानता और न्याय की लड़ाई को समर्पित था। उन्होंने बहुजन समाज को आत्मसम्मान और अधिकारों के लिए संगठित किया। आज भी उनका योगदान समाज को प्रेरित करता है।